
नई दिल्ली। US-India Trade Talks after additional Tariff- भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में पिछले कुछ वर्षों से कई उतार-चढ़ाव देखे गए हैं। अब एक बार फिर दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता शुरू होने जा रही है। खास बात यह है कि यह बातचीत ऐसे समय हो रही है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है। ऐसे में यह बैठक दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को नए सिरे से परिभाषित कर सकती है।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली में
अमेरिकी व्यापार अधिकारियों का एक दल मंगलवार को नई दिल्ली पहुंच रहा है। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच करेंगे। अधिकारियों के अनुसार, यह बातचीत केवल व्यापार संबंधी मुद्दों पर केंद्रित होगी।
अधिकारियों ने बताया,
“हम इस बैठक में भविष्य की व्यापार वार्ता का खाका तय करने और यह देखने की कोशिश करेंगे कि किन मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहमति बन सकती है।”
हालांकि, इस बैठक को प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement – BTA) का आधिकारिक दौर नहीं माना जाएगा।
किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
भारत और अमेरिका के बीच कई व्यापारिक मुद्दे हैं जिन पर लंबे समय से मतभेद बने हुए हैं। अनुमान है कि इस बैठक में निम्नलिखित विषयों पर गहन चर्चा हो सकती है:
- रूसी तेल पर टैरिफ – ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में भारत पर 50% शुल्क लगाया है, जिसमें से 25% विशेष रूप से रूस से तेल खरीदने पर दंडात्मक टैरिफ है।
- टेक्सटाइल और कृषि उत्पादों पर शुल्क – अमेरिका भारत से कपड़ा और कृषि आयात पर ऊंचा टैक्स लगाता है, जबकि भारत इस पर छूट चाहता है।
- डिजिटल ट्रेड और डेटा सुरक्षा – भारत का डेटा लोकलाइजेशन कानून अमेरिकी कंपनियों को प्रभावित करता है।
- दवा और मेडिकल उपकरण – भारत चाहता है कि अमेरिकी कंपनियां भारतीय बाजार में दवाइयों और उपकरणों की कीमतों पर लचीलापन दिखाएं।
- आईटी और सर्विस सेक्टर – अमेरिका की वीजा पॉलिसी भारतीय आईटी पेशेवरों को प्रभावित करती है।
अगस्त में टली थी बैठक
दरअसल, भारत और अमेरिका के बीच बीटीए पर छठे दौर की बातचीत अगस्त 2025 में होने वाली थी। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को 25-29 अगस्त को भारत आना था। लेकिन अमेरिका की ओर से भारत पर 50% भारी शुल्क लगाने और खासतौर पर रूस से तेल आयात पर 25% दंडात्मक शुल्क लगाने की वजह से यह बैठक स्थगित कर दी गई थी।
उसके बाद से दोनों पक्ष साप्ताहिक आधार पर वर्चुअल बैठकों के जरिए संपर्क में हैं। अब नई दिल्ली में होने वाली यह बैठक एक औपचारिक अगले दौर की पूर्व सूचना (precursor) मानी जा रही है।
US-India Trade Talks: क्या होगा असर?
भारत और अमेरिका के बीच यह बातचीत ऐसे समय हो रही है जब वैश्विक आर्थिक परिदृश्य लगातार बदल रहा है।
- अमेरिका चाहता है कि भारत अपने बाजार को अमेरिकी उत्पादों के लिए और अधिक खोले।
- भारत चाहता है कि अमेरिका शुल्क और व्यापार बाधाओं को कम करे ताकि भारतीय निर्यातकों को फायदा हो।
- विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह बातचीत सकारात्मक रही, तो छठे दौर की औपचारिक वार्ता का रास्ता साफ होगा।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
व्यापार विश्लेषक मानते हैं कि इस बैठक का नतीजा तत्काल किसी बड़े समझौते के रूप में सामने नहीं आएगा, लेकिन यह दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली का संकेत होगा।
नई दिल्ली स्थित एक अर्थशास्त्री का कहना है,
“यह बैठक दोनों देशों के लिए रिश्तों को फिर से मजबूत करने का मौका है। अगर बातचीत सकारात्मक रही, तो आने वाले महीनों में एक ऐतिहासिक द्विपक्षीय व्यापार समझौता संभव हो सकता है।”
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। मौजूदा हालात में यह बातचीत भविष्य की रणनीति तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। अब देखना होगा कि क्या यह मुलाकात छठे दौर की औपचारिक वार्ता का रास्ता खोलेगी और क्या दोनों देश अपने मतभेदों को दूर कर एक मजबूत ट्रेड डील की ओर कदम बढ़ा पाएंगे।